अगर आप भी यूट्यूब पर अपना वीडियो शेयर करते है तो हो जाइए सावधान। क्योंकि हाईकोर्ट यूट्यूब पर सख्त है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि वीडियो साझा करने वाली वेबसाइट यूट्यूब इस बात के लिए बाध्य है कि वह इस समय लागू कानूनों का उल्लंघन करने वाली किसी विषय वस्तु को अपलोड नहीं करेगी। टाटा स्काई द्वारा दाखिल एक याचिका पर यह फैसला आया है। याचिका में कहा गया था कि यूट्यूब से ऐसे वीडियो को हटाया जाए जिसमें कंपनी के सेट टॉप बॉक्स का तोड़ बताया गया है।
न्यायाधीश एस मुरलीधर ने कहा, ‘‘सूचना प्रौद्योगिकी मध्यस्थता निर्देशों के नियम 3 .1 E के संबंध में यूट्यूब इस बात के लिए बाध्य है कि वह किसी समय विशेष में लागू किसी कानून का उल्लंघन करते हुए कोई सामग्री अपलोड नहीं करे।’’ अदालत ने इससे पूर्व पिछले वर्ष 27 अगस्त को एक अंतरिम आदेश जारी कर यूट्यूब से उस सामग्री को हटाने को कहा था जिस पर टाटा स्काई ने आपत्ति जतायी थी।
टाटा स्काई ने कहा था कि आईटीआईजी नियमों के तहत वेबसाइट उस स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के लिए बाध्य है जब यह स्पष्ट है कि विवादास्पद वीडियो गैर कानूनी है। यूट्यूब द्वारा विवादास्पद यूआरएल को हटाए जाने और साथ ही यह भी कहे जाने पर कि भविष्य में वह ऐसी कोई शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई करेगा, अदालत ने टाटा स्काई की याचिका का निपटारा कर दिया।