दुल्हन को घर भेजने के बाद दोनों पक्षों के रिश्तेदारों में बातचीत का दौर शुरू हो गया। मामा-फूफा, सगे संबंधियों के बीच वार्ताओं का दौर चला। ऐसे में कुछ ने गुस्सा दिखाया तो कुछ ने दुल्हन से बात करने की बात कही। आखिर तक भी दुल्हन और उसके परिजन बेटी भेजने के लिए तैयार की नहीं हुए। द्रौपदी एमए तक पढ़ी है। मामले को लेकर दोनों पक्षों के बीच दिनभर चली सामाजिक वार्ता में फिलहाल दुल्हन को विदा नहीं करने तथा दूल्हे के मेडिकल चेकअप रिपोर्ट के बाद ही आगे निर्णय किए जाने पर सहमति बनी।
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