इस दुर्गा मंदिर में लगता है दुल्हा-दुल्हन का मेला

इस दुर्गा मंदिर में लगता है दुल्हा-दुल्हन का मेला

वे समाज के वरिष्ठ लोगों की मौजूदगी में अपना जीवन साथी चुनते हैं। चयनित जोड़ों का विवाह मंदिर परिसर में पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार कराया जाता है। बता दें कि करीब 100 वर्षों से यह अनूठा मेला लगता आ रहा है। मेले के माध्यम से आदिवासी समुदाय की युवक-युवतियों को अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने की पूरी आजादी होती है। यह मेला सीमांचल के आदिवासी समुदाय का प्रमुख मेला है।

यह दरभंगा महाराज द्वारा स्थापित आदिवासी समुदाय का प्रमुख मंदिर है। समुदाय प्रमुख गोपी हेम्ब्रम कहते हैं कि बड़गांव दुर्गा मंदिर से आदिवासी समुदाय की अटूट श्रद्धा जुड़ी है। यह परंपरा पूर्वजों द्वारा शुरू की गई है, जो आज भी कायम है।

 

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