सपना ने आखिरकार अपनी मां को आप बीती सुनाई और सपना की मां ने उसे प्रोत्साहित करते हुए न्याय दिलाने का फैसला कर लिया था। हमलावर कज़िन ने अपने आप को फंसता देख पुलिस को 10000 रुपये की रिश्वत देने की भी कोशिश की लेकिन सपना ने हार नहीं मानी और आख़िरकार उसे न्याय मिला। सपना पर तेजाब से हमला करने वाला अब सलाखों के पीछे पहुंच चुका है।
इतने बड़े हादसे के बाद भी सपना ने अपने आगे बढ्ने के जज़्बे को नहीं छोड़ा और आज वह ‘स्किल्स नॉट स्कार्स’ नाम की एक संस्था के साथ काम करते हुए एसिड अटैक का शिकार हुई महिलाओं को मानसिक संबल और आत्मविश्वास बढ़ाने का काम कर रही हैं। सपना आज न केवल आर्थिक तौर पर आजाद हैं बल्कि एक खुशहाल शादीशुदा ज़िंदगी भी जी रही हैं और वे देश की कई वंचित और पीड़ित लोगों के लिए एक बेहतरीन प्रेरणास्त्रोत भी हैं।