मसलन कि मरीज टेलीविजन देखने का फैसला लेता है या घूमने का। स्वास्थ्य के लिए सामाजिक ताने बाने के इन निशुल्क संवादों का फायदा ज्यादा नहीं उठाया गया है।’’ आश ने कहा कि निजता को लेकर चिंता के चलते अक्सर चिकित्सक अथवा अस्पताल मरीज को सामाजिक तालमेल से रोकते हैं, लेकिन जहां निजता कुछ परिस्थितियों में कुछ मरीजों को लिए जरूरी हैं।
वहीं मरीज अक्सर पसंद करते हैं कि उनके मित्र और परिजन उनके स्वास्थ को नियंत्रित रखने में उनकी मदद करें। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि लोग ज्यादा प्रभावित उनसे होते हैं जो कि हर दिन उनके इर्द-गिर्द होते हैं बजाए डॉक्टरों और नर्सों के जिनसे वो कभी कभार ही सम्पर्क करते हैं।
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