दरअसल इस गांव में यही सबसे बड़ी परेशानी थी कि यहां के निवासी सूरज की रोशनी के लिये तरस जाते थे। दरअसल इस गांव के पास स्थित पहाड़ सूरज को इस प्रकार से कवर कर लेता था की गांव तक सूरज की धूप पंहुच ही नही पाती थी। यह गांव मिलान के उत्तरी भाग में 130 किमी नीचे बसा है और लंबे समय तक इस गांव के लोगों को सूरज के दर्शन तक नसीब नही होते।