बैटरी का आकार छोटा होने तथा उसके फैलने के लिए कोई स्थान न होने की वजह से गर्म होने पर बैटरी फट जाती थी और फोन आग पकड़ लेता था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि बैटरी में कम से कम 10 फीसदी हिस्सा फैलने के लिए होना चाहिए, जिससे बैटरी दवाब में फैल सके और गर्म होने की वजह उसमें धमाका न हो। यानी सैमसंग ने कमाई के लिए ब्रांड वैल्यू से भी समझौता कर लिया था।
बैटरी की डिजाइन तथा हार्डवेयर में उसके प्लेसमेंट में खामी की वजह से दुनियाभर में इस तरह की घटनाएं सामने आईं हैं। दरअसल फोन की बैटरी को काफी छोटे आकार में बनाया गया था। ऐसा इसलिए किया गया था जिससे फोन के साथ आने वाले एस पेन को रखने की जगह बनाई जा सके।
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