शोधकर्ताओं ने मीडिया और स्वप्न पर पड़ने वाले उसके प्रभाव के आधार पर 10 से 60 वर्ष के 1287 लोगों पर शोध कर के इस बात का पता लगाया। यह शोध ड्रीमिंग पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
जाहिर है कि जो लोग रात में सोने से पहले फिल्म या फिर टीवी सीरियल देखते हैं उनके लिए बेहतर है कि वो रात में ऐसा ना करें तो फिर उन्हें ऐसे सपने नही आएंगे। खास कर वो वर्ग जो पॉर्न फिल्में देखकर सोता है। उनके लिए तो ये खतरे की घंटी है। फिल्में देखिए, सीरियल्स देखिए लेकिन एडल्ट टाइप या फिर हॉरर नहीं। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो फिर आपकी रातों की नींद बरबाद हो सकती है।
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