घटना की प्राथमिकी थाना ललिया में 22 अक्टूबर को दर्ज हुई थी। पीड़िता के बयान पर दुष्कर्म व पाक्सो अपराध की बढ़ोत्तरी की गई। जमानत प्रार्थना पत्र पर कहा गया कि आवेदक निर्दोष है।
प्राथमिकी काफी बिलंब से दर्ज कराई गई है। इससे घटना संदिग्ध प्रतीत होता है। सरकारी वकील ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया कि पीड़िता के साथ आरोपी चार दिन तक दुष्कर्म करता रहा। मामले के आरोपी पीड़िता की बिक्री भी एक-दूसरे से करते रहे और सभी आरोपियों ने दुराचार किया। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद प्रकरण गंभीर मानते हुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है।
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