पुंश्चली
पुंश्चली स्वभाव की लड़कियों के मस्तक का चमकीला बिंदु भी गंदा ही दिखता है। ऐसी महिलाएं अपने परिवार के लिए दु:ख का कारण बनती हैं। इनमें शर्म नहीं होती और अपने पति की अपेक्षा दूसरे पुरुषों में इनका मन अधिक लगता है। इसलिए कोई इनका मान-सम्मान नहीं करता है।पुंश्चली स्त्रियों में युवावस्था के लक्षण 12 वर्ष की आयु में ही दिखाई देने लगते हैं। इनकी आंखें बड़ी और हाथ-पैर छोटे होते हैं। स्वर तीखा होता है। इनके हाथ में दो शंख रेखाएं व नाक पर तिल होता है।
पद्मिनी
पद्मिनी स्त्रियां धर्म में विश्वास रखने वाली, माता-पिता की सेवा करने वाली व अति सुंदर होती हैं। लंबे कद, कोमल बाल, मधुर बोली वाली ये महिलाएं पहली ही नजर में सभी को आकर्षित कर लेती हैं। इनकी आंखें सामान्य से थोड़ी बड़ी होती हैं। ये अपने पति के प्रति समर्पित रहती हैं। इनका विवाह भी जिन पुरुषों से होता है, वह भी भाग्यशाली होता है।इनके नाक, कान और हाथ की अंगुलियां छोटी होती हैं। इसकी गर्दन शंख के समान रहती है व इनके मुख पर सदा प्रसन्नता दिखाई देती है। ये हर बड़े पुरुष को पिता के समान, हम उम्र पुरुषों को भाई तथा छोटों को पुत्र के समान समझती हैं। यह सौभाग्यवती, अल्प संतान वाली, पतिव्रताओं में श्रेष्ठ, योग्य संतान उत्पन्न करने वाली तथा आश्रितों का पालन करने वाली होती हैं।