अक्सर आपने देखा होगा लोग अपने घर में कुत्ते बिल्ली पालते हैं, खरगोश पालते हैं या फिर मुर्गे पालते हैं और बाक़ी उनके शौक पर निर्भर करता है क्योंकि भई शौक बड़ी चीज़ है। शौक के लिए ही इंसान जानवर पालना शुरू करता है। कुछ शौक़ीन लोग कुत्ते ही नहीं, बल्कि बिल्ली, खरगोश और चूहे तक पालते हैं। खैर ये उनकी मर्ज़ी, जो मन में आये पालें।

दरअसल पीयर और एलिना नाम के इस बुजुर्ग दंपति 18 साल पहले एक गोरिल्ला के बच्चे को अपने निजी चिड़िया घर में ले आए। डिजिट नाम के इस गोरिल्ला को जब पहली बार घर लाया गया था, तब इसका वजन मात्र 4 पाउंड्स और 6 औंस था। चूंकि अब डिजिट काफी बड़ी हो गयी है, फिर भी उसका प्यार बच्चों वाला ही है। अपने गोद लेने वाले माता-पिता के साथ उसका बर्ताव बिलकुल बच्चे जैसा है। उसके मुंह से खाना निकालने पर या हाथ से कुछ छीन लेने पर भी वो आक्रामक रूप नहीं बनाती और बड़ी शालीनता के साथ अपने मालिकों के साथ रहती है।

डिजिट की बढ़ती उम्र के दौरान पीयर और एलिना ने उसको एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ा। हैरानी की बात तो ये है कि ये लोग 13 साल तक घर से बाहर नहीं गए। कुछ सालों पहले पीयर ने कहा था कि “हम डिजिट को किसी के साथ भी नहीं छोड़ सकते हैं, इसलिए इसके बड़े होने तक हम कहीं नहीं जा पाएंगे। हमारे लिए कोई छुट्टी नहीं है, और न ही हम कई सालों से सिनेमा गए हैं।” पीयर ने आगे कहा, “अगर हम कभी भी उसे अकेला छोड़ते तो डिजिट बिलकुल उदास हो जाती और अगर वो उदास हो जाती तो हम उदास हो जाते।

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