वैज्ञानिकों ने शोध किया है कि जब चूहे को गुदगुदाते हैं तो उसके मस्तिष्क में कई तरह की तरंगें उत्पन्न होती हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि जब चूहा उदास होता है तब गुदगुदाने का उस पर कुछ खास असर नहीं होता है। खुशनुमा माहौल में चूहे को गुदगुदाने पर वो हंसता है। ठीक उसी तरह जैसे मनुष्य ऐसी स्थिति में व्यवहार करते हैं। वैज्ञानिकों ने पाया कि गुदगुदाने पर चूहे का मस्तिष्क प्रतिक्रिया करता है। वह शरीर के अन्य हिस्से को प्रतिक्रिया करने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि इंसानों पर गुदगुदी के प्रभावों का अब तक कोई कारगर शोध नहीं हो सका है कि क्यों कोई इंसान हंसने लगता है।

 

बर्लिन के बर्नस्टीन सेन्टर फॉर कम्प्यूटेशनल न्यूरोसाइंसेज में शोध करने वाले जीव वैज्ञानिक मिशेल ब्रेश्ट ने कहा चूहों के लिए गुदगुदाहट स्पर्श के सबसे खराब रूपों में से एक है।  उन्होंने कहा कि जानवरों पर भी ठीक उसी तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिलती है और शायद यही वजह है कि चूहों पर होने वाला शोध मनुष्यों के लिए एक अलग महत्व रखता है। वैज्ञानिकों ने इस शोध के लिए एक अलग तरह का डिवाइस तैयार किया था जो चूहों के अंदर के उच्च तरंगों को कैप्चर कर रहा था। वैज्ञानिकों ने इस डिवाइस को सीधे चूहे के मस्तिष्क में प्रतिरोपित किया था।

 

 

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