ऐसा कहा जाता है कि पुराने समय में लोग हजारों साल तक जीते थे। आज के समय की बात की जाए तो कोई भी शख्स ज़्यादा से ज़्यादा 150 साल तक ही जी सकता है। ऐसा शख्स शायद 1000 लोगों में एक ही होता है। लेकिन चीन में एक शख्स 256 साल तक जीवित रहा और इसके बाद उसकी मृत्यु हो गयी। दरअसल साल 1933 में न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक चीनी इतिहासकार वु चंग जी के एक शोध के अनुसार चीन के ली चिंग यून ने 6 मई 1933 को अपनी मृत्यु के समय तक 256 वर्ष का जीवन व्यतीत किया था।

आपको बता दें कि लि चिंग यून का जन्म चीन के शेजिया शहर में 1736 में हुआ था। अपने जीवनचक्र में उन्होंने 200 से अधिक संतानों को जन्म दिया था और उनकी 23 पत्नियां थीं। वह एक प्राकृतिक चिकित्सक थे और मार्शल आर्ट के ज्ञाता थे। यून ने अपने साक्षात्कार के दौरान इतिहासकार वु चंग को एक बहुत पुराना दस्तावेज दिया था, जिसमें 1827 में चीन की राजशाही सरकार के द्वारा ली चिंग यून को 150वें जन्मदिवस पर बधाई दी गई थी। अगर इस दस्तावेज को सही माने तो वु चंग के अनुसार उसका जन्म 1677 में हुआ था।

कहा जाता है कि लि चिंग यून ने 10 साल की उम्र में औषधि-विज्ञान में व्यवसाय की शुरूआत की, जहां उन्होंने पर्वत श्रृंखलाओं में जड़ी-बूटियों को इकट्ठा किया और उन जड़ी-बूटियों में दीर्घायु होने की क्षमता का पता चला। करीब 40 सालों तक वह जड़ी-बूटियों जैसे कि लिंग्ज़ी, गोजी बेरी, जंगली जींसेंग, वू और गोडू कोला और चावल से बने शराब को भोजन के रूप में लेना शुरु किया। 1749 में, 71 वर्ष की आयु में, वह मार्शल आर्ट के शिक्षक के रूप में चीनी सेना में शामिल हो गए।

अपने प्रांत में आम तौर पर स्वीकार किए गए कहानियों के मुताबिक ली बचपन में हीं पढ़ने और लिखने में सक्षम हो गए थे और अपने दसवें जन्मदिन तक जड़ी-बूटियों को इकट्ठा करने के लिए कांसु, शांसी, तिब्बत, अन्नाम, सियाम और मांचुरिया की यात्रा कर चुके थे। लि चिंग यून ने पहले सौ वर्षों तक इस व्यवसाय को जारी रखा फिर उन्होंने दूसरों द्वारा इकट्ठा किए जड़ी-बूटियों को बेचने का काम शुरु कर दिया। जब ली से उनकी लंबी आयु के रहस्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, “शांत रहो, कछुए की तरह बैठो, कबूतर की तरह चलो और एक कुत्ते की तरह नींद लो।” ली ने यह सलाह एक सिपहसालार वू पेई-फू को दी थी जो ली की लंबी आयु का रहस्य जानने के लिए उन्हें अपने घर ले गया था। ली का मानना था कि साँस लेने की तकनीक और शांत चित्त अविश्वसनीय दीर्घायु होने का रहस्य है।

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