दोस्ती ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा होती है और अच्छे दोस्त बहुत मुश्किल से मिलते हैं। आजकल इस सोशल मीडिया के वक्त में दोस्त तो बहुत मिलेंगें पर कौन सा दोस्त असली में दोस्ती निभाता है, इसका पता लगाना थोड़ा कठिन होता है और इसीलिए हम आपको बताएंगें कि कैसे आप आसानी से असली दोस्त और नकली दोस्त की पहचान कर सकते हैं।
प्राचीन भारतीय दार्शनिक, शिक्षक और एक बड़े अर्थशास्त्री चाणक्य ने कभी अपने दुश्मनों को निराश नहीं किया। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक माने जाते हैं. चाणक्य ने जो नीतियां और सिद्धांत बताएं हैं अगर उनको समझा जाए तो आपको अपने सच्चे दोस्त को पहचानने में कभी कोई दिक्कत नहीं होगी।
अर्थशास्त्र में चाणक्य ने कहा है कि अगर एक व्यक्ति की वास्तविक प्रकृति को समझना हो तो चार सिद्धांतों पर अमल कीजिए।
पहला- क्या उसमें त्याग देने की भावना है ? वह तुम्हारे लिए क्या कर सकते हैं और किसी के लिए भी क्या कर पाएंगें ? चाणक्य बताते हैं कि जिस व्यक्ति में इस भावना की कमी है, वह अहंकार से भरा होगा। ऐसे इन्सान पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि वे हर जगह सबसे पहले अपना फायदा खोजते हैं। जो लोग अपने प्रियजनों और यहां तक कि उनके भीतर के स्वार्थ को त्याग कर आपके साथ समय बिताते हैं वो आपके सच्चे साथी होते हैं और उन्हें कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
दूसरा- किसी के बारे में एक प्रारंभिक राय कभी नहीं बनानी चाहिए। चाणक्य हमें बताता है कि एक व्यक्ति की वास्तविक प्रकृति के बाहर आता ही है तो उसके लिए धेर्य रखें। पहली बैठक में आप किसी को नहीं जान सकते। एक बार जब आप उनके साथ कुछ समय बिताते हैं तो उनका असली रुप सामने आ जाता है।
तीसरा- जो व्यक्ति अच्छा है, उसके पीठ के पीछे हमेशा उसकी तारीफ होगी, इससे भी आपको पता चलेगा कि वह व्यक्ति कितना असल में अच्छा है। जो असल में बुरा है, समाज उससे दूरी रखेगा, यह आपकी मदद करेगा उस व्यक्ति को समझने में।
चौथा- इस अंतिम चरण पर चाणक्य बताते हैं कि इस स्तर पर एक व्यक्ति को उसके विश्वास से समझना चाहिए। जिस व्यक्ति को अपनी सुंदरता और ज्ञान पर घमंड न हो, जो दूसरों की राय का सम्मान करे, जो खुद पर गर्व न करे और जो अनावश्यक झूठ न बोले, वही असली मित्र कहलाता है।