ये जमीन फसलों की जगह उगल रही है हीरें । इस समय आपको छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में ज़गह- ज़गह पर लोग खुदाई करते हुए दिखाई देंगे। यहां और आसपास के गांवों में कमार आदिवासी काफी संख्या में हैं। उनके दो ही काम हैं। जून से नवंबर तक खेतों में पसीना बहाना और बाकी के 7-8 महीने हीरा खदानों में अवैध खुदाई करना। चोरी-छिपे हीरा खुदाई करने वाले इन लोंगों से खदान के चारों तरफ एक्टिव माफिया ये हीरे 200 से 300 रुपए में खरीद लेते हैं।
रायपुर के मैनपुर से 45 किमी और फिर घने जंगल में 38 किमी और जाने के बाद पायलीखंड। फाइलों में यह पूरा इलाका हीरे के किंबरलाइट पाइप्स की वजह से बेहद सुरक्षित है, वहां आने-जाने पर रोक लगी हुई है। कानून तोड़ने के बाद दिनभर खुदाई करके अगर किसी ने हीरे के एक-दो टुकड़े निकाल भी लिए, तो इनसे उसे दो वक्त की रोटी ही मिलेगी। क्योंकि हीरे का टुकड़ा निकलते ही माफिया सक्रिय हो जाता है।