सरकारी वेबसाईट् पर मंडरा रहा हैकिंग का खतरा। साइबर विशेषज्ञों का दावा है कि हैकरों द्वारा ये पता लगाना मुश्किल नहीं है कि किस वेबसाइट का सुरक्षा कवच कितना मजबूत है। गूगल के एक विशेष टूल के माध्यम से यह पता लगाया कि दुनिया के किसी भी वेबसाइट के सुरक्षा इंतजामों का पता लगाया जा सकता है। हालांकि वेबसाइटों की सुरक्षा की देखरेख के लिए भारत सरकार ने भारतीय आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट इन) का गठन किया है। वेबसाइटों की सुरक्षा जांच के लिए ऑडिट एजेंसियों को सर्ट इन ही मान्यता देती है। ये ऑडिट एजेंसी किसी वेबसाइट की सुरक्षा इंतजामों में खामी को दूर करने का काम करती है।
ये आशंका साइबर विशेषज्ञों और हैकरों ने जाहिर की है। इनका कहना है कि कुछ दिन पहले पाक हैकर द्वारा एनजीटी की वेबसाइट हैक होने के कुछ माह पहले भारतीय हैकरों ने कमजोर सुरक्षा कवच वाले वेबसाइटों की सूची केंद्र सरकार को सौंपी थी। इंडियन साइबर आर्मी के निदेशक और साइबर एक्सपर्ट किसलय चौधरी के मुताबिक ऐसी कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई, जिससे पता लग सके कि किस एजेंसी के ऑडिट करने के बाद कौन सी सरकारी वेबसाइट हैक हुई है और न ही बार-बार हैक होने वाली वेबसाइट को ऑडिट एजेंसी पर कार्रवाई की गई है। आरटीआई द्वारा पता लगाया गया था कि 2012-2016 तक 979 सरकारी वेबसाइट हैक की गई।