अंगूठा चूसने वाले बच्चे होते हैं सेहतमंद। छोटे बच्चो का अंगूठा चूसना और नाखून चबाना भले ही माँ बाप को पसंद ना आये। गंदगी पेट में जाने से बीमारियों का खतरा हो। मगर अमेरिका में हुई एक रिसर्च ने इन सारी आशंकाओं को खारिज कर दिया है। इस चौंकाने वाले रिसर्च के मुताबिक अंगूठा चूसना बच्चों की सेहत के लिए अच्छा होता है। नाख़ून चबाने से गंदगी शरीर में जाती है। इस गंदगी में मौजूद कुछ तत्व बच्चों के शरीर में कई तरह के रोगाणुओं से लड़ने की शक्ति देते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि शरीर कई तरह की एलर्जी से बच जाता है। इंसानों में कई तरह की एलर्जियां देखी गयी हैं। किसी को पोलन यानी पराग से एलर्जी होती है, तो किसी को मसालों से। ऐसे लोगों के शरीर में जब सांस के साथ पराग के कण या फिर मसाले जाते हैं, तो वे छींकने लगते हैं।

 

 

कुछ लोगों को एलर्जी का असर त्वचा पर देखने को मिलता है। अमेरिका रिसर्च के अनुसार छोटे बच्चों का नाख़ून चबाना उनकी सेहत पर अच्छा असर डालता है। नाख़ून के जरिए बच्चो के शरीर में गंदगी जाती है। जो बच्चों को इम्यून सिस्टम बैक्टीरिया इत्यादि से लड़ने लगता है। जिससे बच्चे का स्वास्थ्य ठीक रहता है। यही वजह है कि गाँव में रहने वाले बच्चे शहर में रहने वाले बच्चो के मुकाबले अधिक हृष्ट-पुष्ट होते हैं। शोध में पाया गया कि जिन लोगों को बचपन में दोनों में से कोई भी आदत नहीं थी, उनमें से 49 फीसदी को किसी ना किसी चीज की एलर्जी जरूर थी। जिन्हें दोनों में से कोई एक आदत थी, उनमें से 38 फीसदी के साथ ऐसा था और जिन्हें दोनों ही आदतें थीं, उनमें से सिर्फ 31 फीसदी को ही एलर्जी थी। जब 13 साल की उम्र में उन पर टेस्ट किए गए तब भी यही नतीजे मिले और बाद में 32 साल पर भी। शोध में कहा गया है, “हम यह नहीं कह रहे हैं कि बच्चों को ऐसी आदतों के लिए प्रेरित करना चाहिए” लेकिन इतना तो साफ है कि जो बच्चे थोड़ी बहुत गंदगी में खेल-कूद कर बड़े होते हैं। उनका शरीर बीमारियों से बेहतर रूप से लड़ पाता है।

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