अफ्रीका के तंज़ानिया शहर में एक अलग ही प्रथा सामने आई है। इस शहर में कुरया जनजाति का निवास है और यहां यह प्रथा है कि जिस महिला का पति मर जाता है तो उसकी शादी एक महिला से करा दी जाती है।
तंज़ानिया के इस गांव में न्यूम्बा न्थोबू नाम की एक प्रथा है जिसमें जब महिला के पति की मौत हों जाती है तो उसकी शादी दूसरी महिला से हों जाती है। हालांकि, यह महिला समलैंगिक नहीं होती।
यह परंपरा 100 साल पहले शुरू हुई थी जिसमें विधवाएं अपनी संपत्ति अपने पास रख सके। महिलाएं दूसरी महिला से शादी सिर्फ इसलिए करती थीं ताकि उन्हे सिर छुपाने के लिए छत मिल सके। इस परंपरा में सबसे सशक्त बात यह है कि ये महिलाएं किसी के साथ भी शारीरिक संबंध बना सकती हैं और वो शादी की पारंपरिक रीति-रिवाजों से भी बाध्य नहीं हैं और तो और इन महिलाओं को एक ही बिस्तर बांटने में कोई परेशानी नहीं होती।
हालांकि यह परंपरा जनजाति में होमोफोबिया को जन्म दे रही है। कुरया के पुरुष इस कस्टम से चिंतित हैं कि यह प्रथा उन्हे शादी करने से रोक रही है और यह महिलाओं को उन बुनियादी जरूरतों से मुक्त करा रही है जिससे वो एक सही पति की खोज की चिंता से भी मुक्त हों चुकी हैं।
इस प्रथा की वजह से एक चीज़ कुरया की महिलाओं के लिए अच्छी साबित हुई है वो यह कि इसकी वजह से अब वह अपने शरीर और जीवन पर नियंत्रण रख सकती हैं और उनके प्रति होने वाली यौन और घरेलू उत्पीड़न और बाल विवाह जैसी प्रथाएं भी कम हों गईं हैं।