हमारे देश में हर धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। लेकिन हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। हमारे देश का हिंदू समाज कई देवी-देवताओं को मानता है लेकिन मुख्य रूप से भगवान राम के अनुयायी ज्यादा हैं। हिंदू समाज भगवान राम को मर्यादा पुरूषोत्म कहा जाता है और माना जाता है कि सभी मनुष्यों को राम का अनुसरण करना चाहिए। छत्तीसगढ़ में एक समाज ऐसा है जो पिछले 100 साल से भी अधिक समय से अपने शरीर के हर कोने में राम का नाम गुदवाते आ रहा है। इस जइस अजीबोगरीब परंपरा को मानने वाले समाज का नाम ‘रामनामी समाज’ है। आपको बता दें की भले इस समाज के लोग अपने पुरे शरीर में ‘राम’ नाम का टैटू करते हैं मगर न ही कभी यह मंदिर जाते हैं और न ही कभी यह मूर्तियों की पूजा करते हैं। ऐसे में इस समाज की इस अनोखी प्रथा पर कई सवाल भी उठते रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह टैटू लोगों के लिए एक सामाजिक बगावत की निशानी है। कहा जाता है की लगभग 100 साल पहले गांव में हिन्दुओं के ऊंची जाति के लोगों ने इस समूह के लोगो को मंदिर में घुसने से मना कर दिया। तब से यह प्रथा शुरू हुई। जिसके तहत अपने शरीर के हर एक कोने पर राम का टैटू कराने की।

Jhingur Ram, 76, a follower of Ramnami Samaj, who has tattooed the name of the Hindu god Ram on his entire body, poses for a picture outside his house in the village of Chandai, in the eastern state of Chhattisgarh, India, November 15, 2015. Denied entry to temples and forced to use separate wells, low-caste Hindus in the eastern state of Chhattisgarh first tattooed their bodies and faces more than 100 years ago as an act of defiance and devotion. Ramnamis wrote the Hindu god Ram's name on their bodies as a message to higher-caste Indians that god was everywhere, regardless of a person's caste or social standing. While discrimination on class grounds has lessened and most young Ramnamis today avoid full-body tattoos, elderly devotees are still proud of the indelible message their bodies have carried for decades. REUTERS/Adnan Abidi PICTURE 24 OF 31 - SEARCH "RAMNAMI" FOR ALL IMAGES

छत्तीसगढ़ के ‘रामनामी’ समाज के लोगो को ‘रमरमिहा’ के नाम से भी जाना जाता है। छत्तीसगढ़ के जमगाहन जो एक बहुत ही गरीब और पिछड़ा इलाका है, यहां की नई पीढ़ी के लोगों को अपने लिए कामकाज ढूंढने के लिए दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। ऐसे में ये लोग पूरे शरीर में न सही, मगर अपने शरीर के किसी भी हिस्से में राम-राम लिखवाकर अपनी संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के चार जिलों में इनकी संख्या करीब 1 लाख है। वहीं सभी में टैटू बनवाने की परंपरा एक आम बात है।

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