10.5 सेंटीमीटर लंबी यह इस प्रतिमा को 1926 में ब्रिटिश पुरातत्वविद अर्नेस्टन मैके ने सिंध में सिंधु घाटी सभ्यता के प्राचीन शहर, मोहनजोदड़ो से निकाला था। फिलहाल डांसिग गर्ल की यह प्रतिमा वर्तमान में दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखी गई है।

पाकिस्तानी राष्ट्रीय कला परिषद के निदेशक सैयद जमाल शाह के कहा है कि यह डांसिग गर्ल्स हमारी मूर्ति है। इसे यूनेस्को की संधि के तहत मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पहली बार भारत सरकार से कोई मांग की जा रही है और ‘डांसिंग गर्ल को वापस मांगने का उद्देश्य विरासत की रक्षा करना है।’

 

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