बता दें कि इस रोग में शरीर के जोड़ और जेनाइटल सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले अंग हैं। लेकिन इससे किडनी और नसें भी प्रभावित हो सकती हैं। इसे लिम्फैटिक फिलेरीआसिस भी कहते हैं। इसके लक्षण बहुत देर में दिखाई देते हैं।
बता दें कि इस रोग में शरीर के जोड़ और जेनाइटल सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले अंग हैं। लेकिन इससे किडनी और नसें भी प्रभावित हो सकती हैं। इसे लिम्फैटिक फिलेरीआसिस भी कहते हैं। इसके लक्षण बहुत देर में दिखाई देते हैं।