जब सब ठीक होने लगा, तो फिर अभिषेक के साथ एक दुर्घटना हो गयी। उनके सीधे पैर के घुटने का ऑपरेशन करना पड़ा। इसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें भागने के लिए मना कर दिया। फिर भी अभिषेक ने हार नहीं मानी और एक दूसरे स्पोर्ट का रुख कर लिया। अपने करीबी दोस्त संदीप को देख कर उनकी रूचि तीरंदाज़ी में हो गयी। तीरंदाज़ी का Equipment काफी भारी होता है, जिसे एक हाथ से उठाने में उन्हें दिक्कत पेश आती थी।
अभिषेक की आयु अभी 25 वर्ष है और अपने शरीर को मजबूत और अपने खेल को बेहतर बनाने के लिए खास एक्सरसाइज़ करते हैं। इसके लिए वो फिज़ियोथेरापिस्ट आशीष अग्रवाल से भी मदद ले रहे है। वो महाराष्ट्र के अकेले ऐसे तीरंदाज़ हैं, जो ओपन और डिसेबल्ड, दोनों ही तीरंदाज़ी प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं।
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