गांव के पूर्व सरपंच संदीप कुमार बताते हैं कि गांव में पेयजल की बनी गंभीर समस्या के समाधान के लिए दो साल पहले जलापूर्ति विभाग और पंचायत ने गांव में ट्यूबवेल लगाने का फैसला लिया था। जब ट्यूबवेल लगाया जाने लगा तो कम गहराई में कहीं पर पानी नहीं मिला। इसी दौरान पानी की तलाश में 1400 फीट तक पहुंच गए। जहां पर पानी सही मिला, लेकिन काफी गर्म था। इसके बाद ही ट्यूबवेल लगाया जाएगा। इस पर जलापूर्ति विभाग व पंचायत ने मिलकर गुड़गांव लैब में पानी की जांच करवाई तो यह सही पाया गया। इसमें कोई भी किसी तरह की कमी नहीं मिली।
करीब 15 लाख रुपए खर्च कर यह ट्यूबवेल लगा और इसके बाद ज्यादातर गांव की पेयजल समस्या का समाधान हो गया। सप्लाई में जो पानी आता है, वह गर्म है। इसी कारण उसे पहले कुछ देर के लिए रखना पड़ता है और उसके बाद ही वह पीया जाता है। सर्दी में नहाने के लिए पानी गर्म करने की नौबत ही नहीं आती।
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