वन विभाग के पूर्व मुख्य वन संरक्षक (अनुसंधान) और जायका प्रोजेक्ट के सलाहकार एसके सिंह कहते हैं कि जब इस पौधे के पास तेज संगीत बजता है, तो उसकी पत्तियां थिरकने लगती हैं। इसी कारण इसे डांसिंग प्लांट (वैज्ञानिक नाम डेसमोडियम जिरॉस) कहते हैं। इसका एक नाम टेलीग्राफ प्लांट भी है। यह पौधा मैदान से लेकर करीब एक हजार मीटर की ऊंचाई तक उग सकता है। मदन बिष्ट (रेंजर वन अनुसंधान नर्सरी हल्द्वानी) के अनुसार– यह डांसिंग प्लांट झाड़ी प्रजाति का है, जो कुमाऊं में नहीं मिलता है। इस प्रजाति का क्षेत्र में ट्रायल करने का फैसला किया गया है। इसे नर्सरी में तैयार कर साल के जंगल में रोपित करने की योजना है। यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
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