एक अखबार में दिये गए साक्षात्कार में अमरजीत मुस्कुराते हुए कहते हैं, ‘जब मैं दौड़ता हूं लोग मेरे लिए तालियां बजाते हैं और मेरा हौसला बढ़ाते हैं इससे मुझे प्रेरणा मिलती है। इससे मुझे और भागने की ताकत मिलती है। आंख की कभी न ठीक होने वाली बीमारी मैक्यूलर डिजनरेशन से जूझ रहे हैं। वह 13 साल के थे जब धीरे-धीरे उनकी नजर कमजोर होने लगी। सिंह बताते हैं, ’32 साल तक मेरा इलाज चला। नैचरोपेथी, आयुर्वेद, अलोपथी से लेकर होम्योपथी तक सब ट्राइ किया लेकिन कुछ काम नहीं आया। 40 साल की उम्र में मैं पूरी तरह नेत्रहीन हो चुका था।’

1 2 3 4
No more articles