भागवत के इस बयान से चुनावी सीजन में सियासत का पारा चढ़ा सकता है।
इससे पहले भागवत ने बैतूल की जिला जेल की बैरक संख्या-1 में पहुंचकर आरएसएस विचारक माधव सदाशिव गोलवलकर को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान भागवत के साथ 15 अन्य लोग थे, जो जेल के भीतर गए।
आपको हम बता दें कि वर्ष 1949 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद तत्कालीन सरसंघ चालक माधव सदाशिव गोलवलकर तीन महीने तक यहां बतौर बंदी रहे थे।

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