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देश में लोकपाल की मांग को लेकर 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में हुए अन्ना आंदोलन से अपनी राजनैतिक जमीन तैयार करने वाले केजरीवाल ने जैसे ही पार्टी गठन किया तो अन्ना ने खुद को किनारे कर लिया। क्योंकि अन्ना मूवमेंट के जरिए राजनीति चमकाने के कभी पक्षधर नहीं रहे। इसके बाद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाई तो कुछ समय बाद मतभेद के कारण किरण बेदी, योगेंद्र कुमार और प्रशांत भूषण आदि ने साथ छोड़ दिया।
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