इस शख्स का नाम मोहम्मद सहुल हमीद है। बचपन में पारिवारिक स्थिति ठीक ना होने कारण सहुल ने पांचवीं में फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। अब वे 65 वर्ष के हो चुके हैं और तमिलनाडु के मेलापुदुवक्कुदी गांव में रहते हैं। जब हमीद छोटे थे तो उनके घर की हालत ठीक नहीं थी। घर खर्च चलाने के लिए जब काक ढूंढने निकले तो उन्हें काम नहीं मिला और यहीं से उनकी मजदूरी की शुरुआत हुई।

मजदूरी करते करते हमीद घर बनाने में रूचि लेने लगे और अरब देश जाकर रहने लगे। 20 साल वहां रहने के बाद उन्होंने घर बनाने का काम सीख लिया । वहां काम करने से उन्हें वहां की नई तकनीक का अनुभव हो गया और फिर अपने देश वापस आकर उन्होंने यह प्रण लिया कि वो भी ऐसा घर बनाएंगे जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आएंगे।

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