एक अनुमान के अनुसार 60 या 70 ग्राम के बटुए को पीछे की जेब में रखकर यदि आप 30 मिनट या इससे अधिक समय तक बैठने के बाद उठते हैं तो कमर में दर्द का एहसास होगा। एम्स के आर्थोपेडिक्स डॉ. सीएस यादव ने बताया कि दरअसल पैंट के पिछले हिस्से की तरफ जहां बटुए को रखा जाता है, वहां से कूल्हे की साइटिका नस गुजरती है और बटुआ रखकर बैठने से नस पर लगातार दबाव बनता रहता है।
इससे कमर और कूल्हे में दर्द की शिकायत हो सकती है। उन्होंने बताया कि दो से तीन प्रतिशत मामले डीप वेन थांब्रोसिस (पैर की नसों में सूजन) के रूप में भी सामने आती है।
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