गधी का दूध पियोगे तो बन जाओगे खली, क्यों यकीन नहीं हुआ ना लेकिन ये सच है सोचिए जरा अगर हम आपसे ये कहें कि गधी के दूध में है मां के दूध जैसी पौष्टिकता तो शायद आपको हमारी बातों पर यकीन नहीं होगा।
लेकिन आप ये तो जानते ही होंगे कि हिपोक्रैट्स को ‘चिकित्सा जगत का पिता’ कहते हैं। वह कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए लोगों को गधी का दूध दिया करते थे। ब्रिटेन में भी 19 सदी तक गधी का दूध गाय के दूध के विकल्प के तौर पर बेचा जाता था। रोम और ग्रीक सभ्यता के लोग गधी के दूध को खाने और सौंदर्य प्रसाधनों सहित कई चीजों के लिए खासतौर पर इस्तेमाल किया करते थे। यहां हम आपको यह भी बता दें कि गधी के दूध से बना चीज़ दुनिया के सबसे महंगे डेयरी उत्पादों में से है।
हाल ही में खबर आई थी कि बेंगलुरु में एक आदमी गधी का दूध निकालकर एक चम्मच दूध 50 रुपये में बेच रहा था। भारत के दक्षिणी भाग में बच्चों को गधी का दूध देना काफी समय से प्रचलन में रहा है। कई गांवों और शहरों में पिछले कई दशकों से यह परंपरा चली आ रही है। लोगों का मानना है कि गधी के दूध से बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और उनका विकास भी अच्छी तरह होता है।