भारत के अनेक पड़ेसी मुल्क है जिसमें पाकिस्तान,अफगानीस्तान,चीन,नेपाल,बंग्लादेश,भूटान,बर्मा ( म्यांमार), श्रीलंका एवं मालदीव है। जिसमें पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जहां ’ सिंगल – सेक्स एजुकेशन ‘ पर जोर दिया जाता है। आइए जानते है पाकिस्तान में किस तरह से बच्चों को शिक्षा दी जाती है और वहां का एजुकेशन प्रोसेस क्या है?
पाकिस्तान में 6 स्तर के आधार पर पढ़ाई करवाई जाती है, जिसमें प्री-स्कूल, प्राइमेरी, मिडिल, हाई, इंटरमीडिएट और यूनिवर्सिटी स्कूलिंग शामिल है। हालांकि वहां आधिकारिक तौर पर ग्रेड एक से ही पढ़ाई शुरू होती है, जबकि ग्रेड एक से पहले प्ले-ग्रुप की पढ़ाई का चलन अब बढ़ने लगा है।
प्री-स्कूल- यह स्कूलिंग शुरू होने से पहले का स्तर है, जिसमें बच्चों को स्कूल जाने के लिए तैयार किया जाता है। इसमें 3-5 साल तक के बच्चे होते हैं, जो किंडरगार्टन तक की पढ़ाई करते है। हालांकि अभी इसका चलन कम है और सीधे कक्षा 1 से ही पढ़ाई शुरू होती है।
प्राइमेरी एजुकेशन- पाकिस्तान में 87 फीसदी बच्चे प्राइमेरी स्कूल एजुकेशन की पढ़ाई करते है। प्राइमेरी एजुकेशन में ग्रेड एक से ग्रेड पांच तक पढ़ाई करवाई जाती है और इसमें पास होने के बाद मिडिल स्कूलिंग में एडमिशन लिया जाता है।
मिडिल एजुकेशन- ग्रेड 6 से कक्षा 8 तक की पढ़ाई मिडिल स्कूल के अधीन होती है। इसमें उर्दू, इंग्लिश, गणित, आर्ट्स, साइंस, सोशल स्टडीज, इस्लामिक स्टडीज की प्रमुखत: पढ़ाई करवाई जाती है। वहीं पंजाबी, सिंधि, पाश्तो की भी पढ़ाई करवाई जाती है।
सैकेंडरी एजुकेशन- सेकेंडरी एजुऐशन का मतलब यहां ग्रेड 9 से 12 तक की पढ़ाई है। यहां हायर सैकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट के लिए 12वीं ग्रेड में परीक्षा देनी होती है और इस दौरान विद्यार्थी प्री-मेडिकल, प्री- इंजीनियरिंग, सोशल साइंस और कॉमर्स का चयन कर सकता है।
टेरटिएरी एजुकेशन- 12वीं के बाद होने वाली पढ़ाई को टेरटिएरी एजुकेशन कहते है। जिसमें यूनिवर्सिटी की पढ़ाई करवाई जाती है। बताया जाता है कि पाकिस्तान में 8 फीसदी पाकिस्तानी ही टेरटिएरी एजुकेशन ले पाते है और सरकार का लक्ष्य इसे 20 फीसदी करना है।