18 साल में कदम रखते ही मुझे व्यवस्था से लड़ना पड़ा लेकिन अंत में मुझे सफलता मिली और मैं अमेरिका में स्थित मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान में दाखिला लेने वाला पहला नेत्रहीन छात्र बन गया। जिसे मैं व्यवस्था के खिलाफ एक बड़ा कामयाबी मानता हूं
आज श्रीकांत के चार प्रोडक्शन प्लांट है। हुबली (कर्नाटक), निजामाबाद (तेलगांना), और हैदराबाद (तेलगांना) में दो प्लांट हैं जिनमें काम करने वाले अधिकतर लोग व्यवस्था या सामाजिक भेदभाव से लड़कर वहां तक पहुंचे हैं।