फिनियस गेग
1848 में, रेल कार्यकर्ता फिनियस गेग के विस्फोटकों द्वारा पैदा हुए छेद को बंद करने के चक्कर में, 3.5 फुट और 13 पाउंड की लोहे की रॉड उनके जबड़े, मस्तिष्क से होती हुई उनकी खोपड़ी में जा घुसी।
इस हादसे के बाद फिनियस 12 साल तक जिए लेकिन उन्हे अपनी बाकी ज़िंदगी एक ही आंख के सहारे काटनी पड़ी क्योंकि उनकी दोनों आंखों में से एक आंख की पालक ने काम करना बंद कर दिया था। इतना ही नहीं फिनियस को इस दौरान दौरे और नाटकीय भावनात्मक और संज्ञानात्मक समस्याओं का भी सामना करना पड़ा।