7 हाथियों से भी नहीं हिली ‘कृष्ण की मक्खन गेंद’। हमारा देश आश्चर्यजनक चीजो से भरा है। हर अनोखी चीज़ के पीछे एक कहानी होगी, जो इतनी दिलचस्प होगी कि जिसे सुनने के बाद हर कोई इन जगहों पर जाना चाहेगा। भारत के महाबलिपुरम के एक पत्थर ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ़ खींचा है। कहा जाता है कि ये पत्थर करीब 1200 साल पुराना है।

इसे भी पढ़िएदेश की इन 8 रसोइयों में हर दिन बनता है हज़ारों लोगों के लिए खाना

इस पत्थर की ऊंचाई 20 फ़ीट और चौड़ाई 5 फ़ीट है. लेकिन जिस तरह से ये पत्थर अपनी जगह पर टिका है, यह चीज इसे अनोखा बनाती है। 1908 में पहली बार ये पत्थर ख़बरों में आया था, जब वहां के गवर्नर Arthur Lawley ने इस पत्थर को अजीब तरह से खड़ा देखा। उन्हें लगा ये पत्थर किसी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकता है। इस कारण उन्होंने करीब 7 हाथियों से इस पत्थर को खिंचवाया।

इसे भी पढ़िएमरने के बाद यहां लोग हो जाते हैं मालामाल

लेकिन 7 हाथी भी मिल कर इस पत्थर को इंच भर भी नहीं हिला पाए। इस पत्थर के पीछे एक दंत कथा जुड़ी है कि ये पत्थर जमा हुआ मक्खन है। जो कृष्ण ने अपनी बाल अवस्था में यहां गिरा दिया था। तभी लोग इस पत्थर को ‘कृष्ण की मक्खन की गेंद’ के नाम से भी जानते हैं।
वैज्ञानिक भी अभी तक इस पत्थर के रहस्य को नहीं समझ पाए हैं। यहां तक कि वो ये भी नहीं जान पाए हैं कि ये पत्थर इंसान द्वारा खड़ा किया गया है या फिर प्रकृति द्वारा।

No more articles