जानिए कितने साल पुराने हथियारों से हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक । भारतीय सेना अत्याधुनिक हथियारों की कमी से जूझ रही है। 15 महीनों से नए हथियारों का इंतजार किया जा रहा है लेकिन अब तक पुराने हथियार बदले नहीं गए। नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीकर में सात आतंकी लॉन्च पैड को तबाह करने वाले स्पेशल फोर्सेज के कमांडो ने यह कार्रवाई 30 साल पुराने हथियारों के साथ की। उनके हथियार अब तक बदल जाने चाहिए थे। इस संबंध में जून 2015 में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने निर्देश दे दिए थे। लेकिन खरीद प्रक्रिया में देरी के चलते पैरा कमांडो को पुराने हथियारों से ही 28-29 सितंबर की रात को आतंकी ठिकानों पर हमला बोलना पड़ा।
अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल जून में म्यांमार में 21 स्पेशल फोर्सेज बटालियन के सीमारेखा पारकर ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद पर्रिकर के सामने आधुनिकीकरण का प्रस्ताव सेना ने रखा था। म्यांमार में सेना ने मणिपुर में 18 जवानों के शहीद होने के बाद संदिग्ध एनएससीएनके के ठिकानों पर हमला किया था।नए हथियारों के लिए कुल खर्च लगभग 180 करोड़ रुपये के आसपास है। यह हाल तो तब है जब पर्रिकर ने हथियारों के आधुनिकीकरण को फास्ट ट्रेक करने का निर्देश दे रखा है।
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