यदि इस प्लान पर काम किया गया होता तो सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले 4 एसएफ और 9 एसएफ के जवान ज्यादा आधुनिक और लाइटवेट रॉकेट लॉन्चर इस्तेवमाल करते। इसके बजाय उन्होंने इस ऑपरेशन में 30 साल पुराने कार्ल गुस्तोव 84 एमएम वर्जन से काम चलाना पड़ा। स्पेशल फोर्सेज के आधुनिकीकरण का प्रस्ताव मिलिट्री ऑपरेशंस निदेशालय ने तैयार किया था।
इनमें 1200 पर्सनल ऑटोमटिक राइफल, 36 स्नाइपर राइफल, 36 ऑटोमैटिक जनरल पर्पज मशीन गन(जीपीएमजी), 24 लाइटवेट रॉकेट लॉन्चर, 24 शॉटगन और 500 पिस्तौल शामिल थीं। ये सभी हथियार दिन और रात दोनों में देखने की सुविधा से लैस होने थे। एक सैन्य अफसर ने बताया कि यदि म्यांमार जैसा ऑपरेशन आगे भी करना है तो स्पेशल फोर्सेज के लिए कुछ हथियारों को फौरन खरीदने का विचार था।
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