हौसला हो अगर बुलंद तो दुनिया का कोई काम नामुमकिन नहीं हो सकता है। कुछ यही कर दिखाया है भोपाल की रहने वाली एक गरीब लड़की ने। जो 16 साल की उम्र में देश के लिए सोना जीतने वाली मनीषा कीर तीन साल पहले बड़ी झील में पिता के साथ मछली पकड़ने का काम करती थीं। लेकिन मनीषा अब अंतर्राष्ट्रीय शूटर हैं। मनीषा ने फिनलैंड में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता है। यह उनके करियर का पहला स्वर्ण पदक है। इससे पहले वह राष्ट्रीय शूटिंग में नौ स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
मनीषा बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। भोपाल से सटे गोरागांव में मनीषा का घर है। उनके पिता कैलाश कीर बड़ी झील के गोरेगांव वाले हिस्से में मछली पकड़ने का काम करते हैं। साथ-साथ सिंगाड़े की खेती भी करते हैं। मनीषा मध्य प्रदेश राज्य अकादमी में प्रवेश से पहले अपनी चार बहनों और तीन भाईयों के साथ गोरेगांव में अपने पिता के काम में हाथ बंटाती रही हैं। वह छुट्टी में अभी भी पिता के साथ मछली पकड़ने पहुंच जाती हैं। मनीषा पुराने दिनों को याद करते हुए विस्तार से बताती हैं कि ‘मछली फांसने के लिए कैसे जाल डालती थीं’।
वह कहती हैं ‘इस काम में रोज-रोज सफलता भी नहीं मिलती थी, कई दिनों तक खाली हाथ भी लौटना पड़ता था।’ उन्हें सिंगाडे़ की खेती की भी अच्छी जानकारी है। मनीषा अकादमी में प्रवेश के बाद अब टीटी नगर स्टेडियम में ही रहती हैं। वह कैंप के चलते तीन-तीन महीने भोपाल से बाहर भी रहती हैं, लेकिन अपने घर जाने का मौका नहीं छोड़ती हैं।
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