चलती ट्रेन कोर्ट ने करवा दी ज़ब्त

चलती ट्रेन कोर्ट ने करवा दी ज़ब्त।साल 20

चलती ट्रेन कोर्ट ने करवा दी ज़ब्त।साल 2006 में एक रेलवे प्रॉजेक्ट में किसान जी. शिवकुमार की जमीन चली गई थी । रेलवे ने ट्रैक बिछाने के लिए 100 किलोमीटर की लंबाई में 1991 में चित्रदुर्ग और रायदुर्ग में जमीन का अधिग्रहण किया था । इस परियोजना के लिए रेलवे ने करीब 300 किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था, लेकिन अब भी करीब 100 किसान मुआवजे की राशि के इंतजार में हैं । इस साल कर्नाटक में यह दूसरा मामला है, जब किसानों के मुआवजे के लिए किसी ट्रेन को ही जबरन रूकवा लिया गया । एक सीनियर रेलवे अधिकारी ने मुआवजा जारी करने के लिए कुछ वक्त की मांग की, लेकिन कोर्ट स्टाफ और पीड़ित किसान लिखित में भरोसा चाहते थे ।

 

ट्रेन को आगे की यात्रा को तभी रवाना किया गया, जब रेलवे अधिकारियों ने लिखित में दिया कि किसान को एक सप्ताह के भीतर मुआवजे की राशि अदा कर दी जाएगी । शिवकुमार को मुआवजे की 38 लाख रुपये की रकम देने में रेलवे की हीलाहवाली के मामले की सुनवाई करते हुए सीनियर डिविजनल मजिस्ट्रेट सुभाष बांदू होसकले ने ट्रेन को ही जब्त करने का आदेश दे दिया । कर्नाटक के दवाणगेरे जिले के हरिहर स्टेशन पर मैसुरु जा रही सिद्धगंगा इंटरसिटी एक्सप्रेस को कोर्ट की ओर से जब्त किए जाने के बाद सभी लोग अचंभित रह गए । कोर्ट के आदेश के चलते करीब 100 मिनट तक इस ट्रेन को रोके रखा गया । अदालत ने यह फैसला रेलवे की ओर से 62 वर्षीय जी. शिवकुमार को जमीन का मुआवजा देने में असफल रहने पर सुनाया था ।

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