भाभी ने खुद बनाए थे देवर से संबंध, फिर लगा दिया रेप का आरोप, कोर्ट ने देवर को किया बरी , अदालत ने भाभी से रेप के आरोपी देवर को बरी कर दिया। अदालत ने पीड़िता के बयान को संदेह के दायरे में रखते हुए कहा कि दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे और महिला ने नतीजों को समझते हुए ही सहमति दी थी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक महिला का आरोपी के भाई से 1999 में विवाह हुआ था और वर्ष 2000 में उन्हें एक बच्चा हुआ। इसके बाद महिला के पति ने उसे छोड़ दिया। वह आरोपी के साथ दिल्ली आ गई ताकि उसे नौकरी मिल जाए। दोनों के बीच शारीरिक संबंध बन गए। आरोप है कि आरोपी उसे परेशान करने के अलावा उसे नजरअंदाज करने लगा। जिसके बाद महिला ने रेप का मामला दर्ज करवा दिया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव जैन ने कहा कि तथ्यों व परिस्थितियों से स्पष्ट है कि पश्चिम बंगाल निवासी दोनों शुरुआत से ही जानते थे कि उनकी शादी संभव नहीं थी। ऐसे में यह रेप का मामला नहीं बनता। आरोपी को बरी किया जाता है।