जहां चाह, वहां राह’ इसी सिद्धांत पर चलते हुए एमजी मुथू ने सच्चाई, कठोर परिश्रम, सादगी और ईमानदारी से अपने करोबार को आगे बढ़ाया। अर्थव्यवस्था में बदलते परिदृश्य के बावजूद, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि व्यावसायिक नैतिकता और मूल्य सब से ऊपर रहे। मुथू की सफ़लता से हमें यह सीख मिलती है कि कठिन परिश्रम और ईमानदारी से यदि हम अपने लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ें तो सफ़लता अवश्य मिलेगी।

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