भीख में मिले पैसे से तो ले देकर खाना-पीना हो जाता है। लेकिन खुले में रहने के कारण रात में उसे डर लगता है। ठंड, गर्मी, बारिश के साथ ही आवारा कुत्तों व अन्य कीड़े-मकोड़ों का डर बना रहता है। शहजादी का कहना है कि उसे भीख मांगना अच्छा नहीं लगता। पर पिता की हालत देखकर मांगना पड़ता है। छोटी होने के कारण वह काम भी नहीं कर सकती। आगे बढ़ने के लिए पढ़ाई करना चाहती है, ताकि अपना भविष्य उज्जवल बना सके।