राजाराम मोहन राय, गांधी, अंबेडकर सहित कई और नेताओं ने समाज से उंच-नीच, जात-पात हटाने के लिए कई प्रयास किए। लेकिन इनके प्रयासों के बावजूद देश आज भी इन कुरितियों से निकलने का संघर्ष कर रहा है।
सभी नेता इन्हें दूर करने के लिए कहते हैं, खासकर चुनाव के समय लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। कुछ इसी तरह का हाल यूपी चुनाव के समय भी देखने को मिल रहा है।

एक तरफ सभी पार्टियों के नेता दलितों के घर भोजन कर समाज में ऊंच-नीच, जात-पात को मिटाने का संदेश दे रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस चुनावों में ऐसे प्रत्यााशी भी देखे जा रहे हैं जिनको अभी भी इस जाति दंश को झेलना पड़ रहा है। यूपी चुनावों के लिहाज से इसी कड़ी में एक दलित प्रत्याशी को भी इसी तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। यह आलम तब है जब इस प्रत्याीशी के पिता खुद भी पांच बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं।

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