बैंक के मैनेजिंग डायरेक्‍टर और सीईओ एन कमाकोडी के अनुसार यह एक पायलट प्रोजेक्‍ट है। शुरुआत में यह लोगों को बैंकिंग से जुड़े सवालों के जवाब देगा लेकिन बाद में इसे ट्रांजेक्‍शन से जुड़े बैंकिंग सिस्‍टम से इनेबल किया जाएगा। फिलहाल यह सवालों के जवाब देने के अलावा ग्राहकों की बैंक डिटेल्‍स और उनके ट्रांजेक्‍शन की डिटेल्‍स भी बताएगा।

8 लाख की लागत से बना रोबोट लक्ष्‍मी 3-4 लोगों का काम कर सकता है जिसे बैंक की ऑटोमेशन प्रोसेस से भी इंटिग्रेट किया जाएगा। इस रोबोट को बनाने में 6 महीने का वक्‍त लगा है और यह 125 से ज्‍यादा विषयों पर जवाब दे सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि लक्ष्मी फिलहाल अंग्रेजी भाषा में ही जवाब देगी। ग्राहकों की सुविधा के लिए बोलचाल की सहज भाषा का इस्तेमाल किया गया है। यह रोबोट है इसलिए लगातार ग्राहकों से सीख रहा है।

 

 

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