डील के वैज्ञानिक ने 6 महीने तक बंधक बनाकर रखा युवती को, करता रहा हैवानियत , रायपुर स्थित डिफेंस इलेक्ट्रानिक अप्लीकेशन लेबोरेट्री (डील) के वरिष्ठ वैज्ञानिक के घर में छह महीने से बंधक बनाकर रखी गई युवती को पुलिस ने बुधवार को मुक्त कराया। 100 नंबर पर आई कॉल से पुलिस छत्तीसगढ़ की इस युवती तक पहुंची। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में उसे बंद घर से बाहर निकाला गया।

युवती ने अपना अंजू तेलिया (21) ग्राम तुरियालगा, जिला जसपुर छत्तीसगढ़ बताया। उसका कहना है कि 2009 में उसे नौकरी दिलाने के नाम पर दिल्ली ले जाया गया। छह माह पहले उसे वरिष्ठ वैज्ञानिक अजय मलिक के घर पहुंचा दिया गया। यहां उससे घर का सारा काम कराया जाता है, लेकिन इसके बदले में पैसा नहीं दिया जाता है।

एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने बताया कि यह मानव तस्करी से जुड़ा बेहद गंभीर मामला है। देर शाम पुलिस का अजय मलिक से भी संपर्क हो गया। सीओ हरबंश सिंह ने बताया कि युवती को नौकरी पर रखने का उनके पास एग्रीमेंट है, वह गुरुवार तक देहरादून पहुंच जाएंगे।

अंजू तेलिया ने बताया कि उसकी मौसेरी बहन मेरठ के सरधना जिले में रहती है। सीओ डालनवाला हरबंश सिंह ने बताया कि उनसे संपर्क किया गया है। उसके रिश्तेदार देहरादून के लिए चल दिए हैं। अंजू ने बताया कि वह कक्षा पांच में थी, जब घर से उसे नौकरी के दिल्ली ले जाया गया। दिल्ली में कुछ दिन रहने बाद करनाल चली गई। फिर वहां से चंडीगढ़ में तकरीबन एक साल रही। इसके बाद कानपुर, गुरुग्राम समेत कई शहरों में रही। छह महीने पहले वह फिर दिल्ली पहुंचा दी, जहां से वह यहां आ गई।

पूछताछ में युवती ने कई चौंकाने वाली बातें बताईं हैं, जिससे पुलिस इसे मानव तस्करी से जुड़ा मामला मान रही है। बुधवार दोपहर पुलिस कंट्रोल रूम में एक युवती का फोन आया। उसने पुलिस को बताया कि वह डील कॉलोनी के एक घर में महीनों से बंधक बनाकर रखी गई है। उससे नौकरानी का काम कराने के साथ ही अमानवीय व्यवहार भी किया जाता है।

एसएसपी स्वीटी अग्रवाल के निर्देश पर पुलिस मजिस्ट्रेट के साथ डील के वरिष्ठ वैज्ञानिक अजय मलिक के आवास पर पहुंची तो वहां बाहर से ताला लगा मिला। पूछताछ में पता चला कि मलिक के घर की चाभी उनके पड़ोसी के यहां रखी है। पुलिस भीतर दाखिल हुई तो एक कमरे में युवती डरी-सहमी बैठी हुई थी।

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