काशी में पहली बार किन्नरों ने किया पूर्वजों का श्राद्ध-पिंडदान। वाराणसी के पिशाचमोचन कुंड पर शनिवार को देश भर के किन्नरों का जमावड़ा लगा हुआ है. जहां देश भर से काशी आए किन्नर बाबा भोले की इस नगरी में अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के पिंडदान कर रहे हैं। उज्जैन किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए शनिवार को पहली बार पिंडदान किया। उन्होंने अकाल मृत्यु पाए अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यह निर्णय लिया।
त्रिपिंडी श्राद्ध अकाल मौत के चलते प्रेत योनि में भटकती आत्माओं की तृप्ति और शांति के लिए किया जाता है। आज(शनिवार) 11 बजे वेदियों पर तीन तीन कलश को क्रमशः लाल, काले और सफेद कपड़ों में अभिमंत्रित कर सस्वर मंत्रोच्चार के साथ श्राद्ध आरंभ हुआ। इस दौरान वहां पर तेज बारिश हो रही थी। पुरोहितों ने श्राद्ध के समय बारिश को शुभ बताया। उनका कहना था कि किन्नरों के पुरखों की आत्माओं के तृप्त होने का यह संकेत है।
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