जर्मनी के सेंट मैरी हॉस्पिटल के गायनेकोलॉजिस्ट बहमन घारवी ने बताया कि, 14 आउंस का बच्चा भी बहुत मुश्किल से ही जीवित रह पाता है। हमें एमीलिया को भी धन्यवाद करना चाहिए, आखिर यह उसकी जीने की चाह ही तो है, जो वह आज जीवित है। अभी तक एमीलिया में डिसएबिलिटी के कोई साइन नजर नहीं आए हैं, यह सबसे अच्छी खबर है। एक लोकल रिपोर्ट्स के अनुसार एमीलिया जीवित रहने वाली विश्व की सबसे कम वजनी प्रीमेच्यॉर बेबी है।
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