नोट

कपास की ब्लीचिंग और धुलाई करने के बाद उसकी लुग्दी बनाई की जाती है। इसके बाद सिलेंडर मोल्ड पेपर मशीन उस लुग्दी को कागज की लंबी शीट में बदलती है। इसी दौरान नोट में वॉटरमार्क जैसे कई सिक्योरिटी फीचर डाल दिये जाते हैं। दुनिया के करीब सभी देशों में हर नोट बिल्कुल अनोखा होता है। उसका अपना नंबर होता है। यूरो के नोटों में भी ऐसा नंबर होता है. नोट छापने वाली 12 प्रिटिंग प्रेसें अलग अलग अंदाज में नंबर छापती है। नंबरों के आधार पर ही तय होता है कि कौन से नोट यूरोजोन के किस देश को भेजे जाएंगे। कोशिशों के बावजूद जालसाज नकली नोट बाजार में पहुंचा ही देते हैं। यूरोपीय सेंट्रल बैंक के मुताबिक इस वक्त दुनिया भर में 9,00,000 यूरो के नोट नकली हैं। तो अब आप भी जान गए होंगे की पैसा कमाना जितना मुश्किल है उतना ही मुश्किल है नोटो को बनाना।

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