यह एक रिवाज के तौर पर किया गया काम है। इसे वडडा सडडा कहते हैं। इसमें अपने यहां की एक लड़की देकर दूसरे घर की लड़की ली जाती है। यह एक्‍सचेंज चलता है।

इसके चलते ही वजीर ने अपनी 13 साल की बेटी की शादी रमजान से करके उसकी बहन से शादी कर ली है। बालिग नाबालिग से उसे कोई मतलब नहीं। वह कहता है कि लड़की की शादी तो करना ही होगी। बेटी की शादी 35 साल के रमजान से की है जिसका दिमागी संतुलन खराब है। व सुनने, बोलने में भी अक्षम है। इस बेमेल शादी के सूत्रधार खुद लड़की के पिता हों तो कोई क्‍या कह सकता है।

 

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