पॉर्न फिल्में देखकर उसे घर पर आजमाने की कोशिश ना करें क्योंकि… , पॉर्न फिल्मों का शौक़ीन तो आज की दुनिया में हर कोई है।  लेकिन कभी-कभी इन फिल्मों को देखने के बाद लोगों में हीन भावना पैदा हो जाती है, जिसका प्रभाव उनकी पर्सनल लाइफ में भी पड़ता है।   ज्यादातर इन फिल्मों में दिखाई गयी चीजों को लोग सच मान बैठेते हैं और उसकी तुलना खुद से करने लगते हैं। आज हम आपको पॉर्न की दुनिया की ऐसी सच्चाई बताने जा रहे हैं जिससे शायद ही आप वाकिफ हो।

पॉर्न में दिखाए जाने असाधारण ओरल सेक्स के तरीके या फिर पोजिशन्स कैमरे का कमाल होते हैं। उन पर भरोसा करके असल में ऐसी किसी भी रिस्की पोजिशन या तरीके को ट्राई न करें। सेक्स की संतुष्टि सिर्फ और सिर्फ आपके और पार्टनर के बीच की केमिस्ट्री पर निर्भर करती है। बात दे की अडल्ट फिल्मों में काम करने वालों की बॉडी असाधारण होती है। ध्यान रखिए इसमें कैमरा ऐंगल का भी कमाल हो सकता है। इसलिए उनके शरीर के आकार के प्रति अत्यधिक आकर्षण से बचें। कई बार उन्हें अडल्ट फिल्में देखने के बाद लगता है कि उनका लिंग छोटा है या फिर उनके स्तन सही शेप में नहीं हैं। इस तरह बातें सोचकर अपने को हीन न समझें।

पॉर्न फिल्मों में दिखाई जाने वाली हर चीज वास्तविक नहीं होती है।  अकसर लोग ऐसे वीडियो देखकर खुद की तुलना इससे करने लगते हैं और अपनी पर्सनल लाइफ में भी इन चीजों का उतारने की कोशिश करने लगते हैं।  तो आइए जानते हैं कि आपको किस तरह के भ्रम से बचना चाहिए। आपने देखा होगा कि अडल्ट फिल्मों में काम करने वाले किरदार हमेशा सेक्स के लिए आतुर रहते हैं। जबकि असल जिंदगी में ऐसा संभव नहीं है। तो आप खुद से या अपने पार्टनर से इस तरह की अपेक्षा न रखें।

यह जरूरी नहीं है कि आप जितनी बार भी सेक्स करें, उतनी बार आप ऑर्गेजम या पूर्ण संतुष्टि तक पहुंचे ही। यह आपके दिमाग पर निर्भर करता है। इसलिए अडल्ट फिल्मों को देखकर इस तरह की कोई भ्रांति अपने मन में न पालें। पॉर्न में सेक्स की अवधि कई घंटों की हो सकती है। लेकिन वास्तविकता में ऐसा संभव नहीं है। औसतन सेक्स का एक सेशन 15 मिनट तक चल सकता है। आप इसमें थोड़ा बहुत इजाफा या कटौती कर सकते हैं। इसलिए पॉर्न फिल्मों की टाइमिंग पर भरोसा मत करें।

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