एक्शन एड इंडिया के कार्यकारी निदेशक संदीप चाचर ने कहा कि विभिन्न देशों में किए गए सर्वेक्षणों से यह स्पष्ट हो गया है कि महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न तथा हिंसा से निपटने के लिए सरकार तथा समाज की तरफ से कदम उठाना अनिवार्य हो गया है। पिछले कुछ दशकों में महिलाओं की क्षमता में काफी इजाफा हुआ है और आधी आबादी को बराबरी का दर्जा दिए जाने के अपने वादे से आज भी हम बेहद दूर हैं।

सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि लड़कियों द्वारा उत्पीड़न या हिंसा से बचने के लिए रोजमर्रा के जीवन में अपने आपको बचाने के लिए हर संभव कदम उठाना आम सा हो गया है।

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